हनुमान जयंती आज , घर- घर विराजे हनुमान
आस्था और विश्वास के देश भारत में आज हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) मनाई जाएगी। हालांकि Covid-19 के चलते लगभग सभी मंदिरों के कपाट बंद हैं ऐसे में लोग घरों में ही रह कर पूजा अर्चना करेंगे। लोग अपने अपने घरों में ही संकट मोचक की पूजा करेंगे।
इतिहास में पहली बार आज के दिन मंदिर के पट बंद रहेंगे। परम्पराओं के पावन धरती पर जहां एक तरफा हालत संकटमय हैं वहीं इस स्थिति में भक्त पूजा और भक्ति में मशगूल हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हनुमान जयंती की शुभकामनाएं दी है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को ट्वीट किया- ‘हनुमान जयंती के पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
भक्ति, शक्ति, समर्पण और अनुशासन के प्रतीक पवनपुत्र का जीवन हमें हर संकट का सामना करने और उससे पार पाने की प्रेरणा देता है.’ देश हीं नहीं बल्कि विश्व की वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोगों में हनुमान जयंती को लेकर औरज्यादा उत्साह है। भले ही लोग अपने घ से बाहर न निकल पाए लेकिन अपने घर में हनुमान जयंती की तैयारी हो गई है।
‘चैत्र शुक्ल की पंद्रह को आई मंगल बेला माँ अंजना की कोख से जन्मा बालक अलबेला ‘
हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा को हुआ था। हनुमान जी को कलियुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में मना जाता है। हनुमान अपने ब्रह्मचर्य क लिए जाने जाते हैं। पुराणों के अनुसार विष्णु क कृष्णा अवतार क बाद रावण दिव्या शक्ति को प्राप्त कर लिया था।
रावण ने अपने मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान शंकर से वरदान माँगा था की उसे मोक्ष मिले जिसके बाद शंकर भगवान् ने हनुमान के रूप में अवतरित होकर रावण के मोक्ष का कारन बने। हनुमान जी क अपनी शक्ति का एहसास नहीं था उन्हें उनकी शक्ति का बार बार स्मरण करवाया जाता था। रामचरित मानस में क कई अध्याओं में हनुमान की कीर्ति बखान है।
रामायण के प्रसंग के अनुसार, जब भगवान राम के अनुज लक्ष्मण को रावण के पुत्र मेघनाद ने शक्ति बाण मारा था, तो घायल लक्ष्मण को जीवनदायी औषधि देने के लिए हनुमान को संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा गया था। संजीवनी बूटी की पहचान कर पाने में असमर्थ हनुमान समूचे पवर्त को ही उठा ले आये थे।
हनुमान को कई नामों से जानते हैं बजरंग बली , मारुती , अंजनी सुत , पवनपुत्र , संकट मोचन , केसरी नंदन , महावीर , कपीश , शंकर सुवन
‘संकट कटे मिटै सब पीड़ा , जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
हनुमान जी को संकट के निवारक ईश के रूप में जाना जाता है इसके अलावा ऐसी मान्यता है ‘भूत पिचास निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावै’….
हनुमान जयंती की तिथि और शुभ मुहूर्त
हनुमान जयंती की तिथि: 8 अप्रैल 2020 दिन बुद्धवार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 7 अप्रैल 2020 को दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त: 8 अप्रैल 2020 को सुबह 8 बजकर 4 मिनट तक
हनुमान जयंती का महत्व
भक्तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्व हैं। केसरीनन्दन को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता हैं। घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान हैं। शाम की आरती के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती हैं। श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है लेकिन इस बार कोरोना के कहर के कारन अभी अपने घर में हीं पूजा अर्चना करेंगे.
बताते हैं आपको हनुमान जयंती की पूजा विधि
– हनुमान जयंती के दिन सुबह-सवेरे उठकर सीता-राम और हनुमान जी को स्मरण करें – इसके बाद , स्नान करने के बाद भगवन हनुमान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. – इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा में हनुमान जी की खड़ी प्रतिमा को स्थापित करें। – पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें: ‘ॐ श्री हनुमंते नम:’. – इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं और पान का बीड़ा चढ़ाएं. – मंगल कामना करते हुए इमरती और नैवेद्य का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है।
हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
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