नई दिल्ली: शरीर के किसी भी अंग में अगर जरा सा भी दर्द होता है तो हम तुरंत पेन किलर्स खा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके स्वास्थ्य और सेहत के लिए कितना हानिकारक है? लेकिन ज्यादा या नियमित रूप से पेन किलर का सेवन करने से आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती है।
साथ ही यह आपके किडनी और लीवर के लिए भी हानिकारक होती है। हालांकि गंभीर परिस्थितियों में डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन पेनकिलर देते हैं लेकिन अगर ऐसी स्थिति नहीं है तो आपको दर्द से राहत पाने के लिए प्राकृतिक पेन किलर्स का उपयोग ही करना चाहिए।
आपको बता दें कि प्रचीन समय में सूजन और दर्द को दूर करने के लिए कई जड़ी-बूटियों और मसालों का इस्तेमाल किया जाता था। मज़ेदार बात यह है कि ये प्राकृतिक पेन किलर आपको अपने घर और रसोई में ही मिल जाएगी।
- पुदीना:- पुदीना मांसपेशियों के दर्द, दांत दर्द, सिरदर्द और नसों के दर्द से राहत दिलाता है। कुछ पत्तों को चबाने से न केवल पाचन में मदद मिलती है, बल्कि मन भी शांत रहता है। एक स्टडी के अनुसार एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरस, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीट्यूमर के साथ ही एंटी-एलर्जेनिक गुण पाए जाते हैं, जो संयुक्त रूप से शरीर को लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं।
- रोज़मेरी तेल:- रोज़मेरी एक शक्तिशाली तेल है जो दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है। यह तेल दर्द से संबंधित मस्तिष्क ओपिओइड न्यूरॉन्स पर कार्य करता है और सिरदर्द और जोड़ों के दर्द के इलाज में प्रभावी होता है। इसके अलावा, रोजमेरी का तेल सूजन को कम करने, मांसपेशियों के दर्द को दूर करने के साथ मस्तिष्क के स्वास्थ्य और याददाश्त में भी सुधार करने में मदद करत है।
- अदरक:- एक स्टडी में पाया गया है कि अदरक में पाए जाने वाले औषधिय गुण कब्ज, पेट दर्द, पेट की ऐंठन, मरोड़ व गैस जैसी कई समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकता है। इसमें मौजूद एनाल्जेसिक नामक पेन किलर गुण गठिया दर्द, ऐंठन और मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसेक अलावा यह पीरियड्स के दर्द से तुरंत राहत और मांसपेशियों को आराम और शांत करने में भी मदद करता है।
- हल्दी:- इसमें एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीट्यूमर, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, कार्डियोप्रोटेक्टिव, हेपटोप्रोटेक्टिवऔर नेफ्रोप्रोटेक्टिव गुण मुख्य हैं। इसमें मौजूद यौगिक करक्यूमिन एक ओवर-द-काउंटर एंटीबायोटिक के रूप में कार्य करता है। जो मांसपेशियों में दर्द और सूजन को कम करने का काम करता है।
- लौंग:- एक स्टडी में यह पाया गया है कि इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। इसके अलावा, इसमें एंटी-वायरल और एनाल्जेसिक गुण भी है, जो कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचा सकते हैं। आप इसका उपयोग ओरल हेल्थ के लिए कर सकते हैं। साथ ही लौंग डायबिटीज कंट्रोल करने, पाचन को सुधारने, वजन कम करने में भी मददगार साबित हो सकती है।
- बर्फ:- यह दर्द में राहत पाने का सबसे आम घरेलू नुस्खा है। मांसपेशियों, कण्डरा या लिगामेंट में खिंचाव के कारण होने वाले सूजन को कम करने के लिए आइस पैक का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। साथ ही मोच और खिंचाव के साथ आने वाली कठोरता को कम करने में मदद मिल सकती है। बर्फ पीठ के निचले हिस्से के दर्द और गठिया में राहत पहुंचाने का काम करती है।
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