Basant Panchami : बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है और क्यों इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है

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Basant Panchami hindi
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दोस्तों , बसंत पंचमी के त्यौहार के बारे में सुना ही होगा , बंसन्त पंचमी के त्यौहार को हम सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है।
दोस्तों , बसंत पंचमी को हिन्दू धर्म के अनुसार तब मनाया जाता है , जब खेतो में गन्ने , सरसो, गेहू और जौ की फसल पे फूल आजाते है। उस समय एक मनमोहक सा वातावरण होता है ,
वसंत पंचमी के आसपास मौसम खुशनुमा होता है , न ही ज्यादा गर्मी होती है और न ही ज्यादा सर्दी होती है।

कुछ लोगो का ये भी मनना होता है की , वसंत ऋतू के आगमन पे ये त्यौहार मनाया जाता है , जैसी की उस समय फसल पक के त्यार हो जाती है और लोग खुश हो जाते है और उसी ख़ुशी को वो जाहिर करते है। पुराने समय में जब वस्तुवो का लेन देन होता था और कृषि ही इंसान का एकमात्र रोजगार हुआ करता था तब से इस तरह ख़ुशी को जाहिर करने के तरीके को त्यौहार का रूप दिया गया। क्योंकि हिन्दू धरम में किसी ख़ुशी या यादो में ही त्यौहार मनाये जाते है।

चारो ऋतुओ में से बसंत ऋतू एक खास ऋतू होती है , जिसमे सभी पक्षी, पशु और इंसान एक अलग सा मौसम का अनुभव करते है। देश में बहुत से लोग इसी मौसम को ज्यादा पसंद करते है।

वैसे तो हिन्दू धर्म में हर एक त्यौहार के पीछे एक पौराणिक कथा होती है , ऐसी ही एक पौराणिक कथा ये भी है। एक बार सृस्टि के निर्माण करने वाले ब्रह्मा जी पृथवी का भर्मण करने आये।

तब भ्रह्मा जी ने देखा की सृस्टि में लोग बहुत दुखी और चिंतित है तो उनके मन में सृस्टि में कुछ बदलाव करने का मन बनाया। और उन्होंने अपने कमलकुण्ड से थोड़ा सा जल निकल के हवा में फेंका और तभी एकाएक एक देवी प्रकट हुई।

उस देवी के हाथ में एक विणा और एक हाथ में पुराण थे। ब्रह्मा जी ने उनको विणाबजाने को कहा।

देवी में बहुत अछि विणा बजायी और उसकी विणा के स्वरों से सृष्टि में एक खिलखिलाहट सी आ गयी , पक्षी चल उठे , जानवर उसकी धव्नि से मगन हो उठे और लोगो का दुखी मन खुश हो गया।

और इस से पहले संसार में संगीत को कोई नहीं जनता था , उन्होंने दुनिया को एक संगीत की भेंट प्रदान की , लोगो को वाक्वान बनाया और उस देवी ने उनमे से कुछ ऋषि मुनियो को ज्ञान की शिक्षा दी और एक कड़ी की तरह सीखा का प्रचार और प्रसार हुआ।

इसी वजह से ब्रह्मा जी ने प्रभावित होकर उस देवी को सरस्वती देवी का नाम दिया , जिसने दुनिया को वाक्वान बनाया।
और तब से लेकर आजतक माँ सरस्वती की पूजा में ये त्यौहार मनाया जाता है।

इस त्यौहार को प्रति वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है।
ये त्यौहार हिन्दुओ के खास त्योहारों में से एक मन जाता है।

तो दोस्तों ये थी बंसत पंचमी के त्यौहार के बारे में एक रोचक जानकारी , अगर आपको ये पोस्ट अछि लगी हो तो हमे अपने सुझाव को कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताये.. धन्यवाद्


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