Yogi Adityanath Birthday : गोरखपुर के मठ से सीएम बनने तक का सफर

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लखनऊ : देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की कमान संभालने वाले बीजेपी (BJP) के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन (Yogi Adityanath Birthday) है। पारवारिक जीवन का त्याग कर गोरखपुर मठ (Gorakhnath Math) में दिक्षा ग्रहण कर अजय सिंह बिष्ट (Ajay Singh Bisht) से योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) बनने और गोरखपुर के सांसद (MP Gorakhpur) बनने से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री (UP CM) बनने तक का योगी आदित्यनाथ का सफर काफी दिलचस्प रहा है। वहीं उनके जन्मदिन पर बीजेपी और अन्य पार्टियों के नेता भी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनायें दे रहे हैं। पीएम मोदी (PM Modi) ने भी फोन कर सीएम योगी को जन्मदिन की शुभकामनायें दी।

Yogi Adityanath Birthday : योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक सफर

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल (Pauri Garhwal Uttrakhand) के पंचूर गांव (Panchur village) में पांच जून 1972 जन्मे अजय सिंह बिष्ट गोरखपुर पहुंचकर योगी आदित्यनाथ बन गए। देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता के सिंहासन पर योगी विराजमान हैं। महज 26 साल की उम्र में संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ 45 साल की उम्र में यूपी के सीएम बने। 26 साल की उम्र में योगी गोरखपुर सीट से सांसद बने और 45 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। योगी आदित्यनाथ आज 48 साल के हो गए हैं।

प्रखर हिंदुत्व छवि वाले नेता के तौर पर सीएम योगी ने बनाई पहचान

सीएम योगी को प्रदेश की नहीं बल्कि देश की सियासत (Indian Politics) में हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर जाना जाता है। योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के सामान्य राजपूत परिवार (Rajput Family) में हुआ। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट (Anand Singh Bisht) और माता का नाम सावित्री देवी (Savitri Devi) है। योगी ने 1989 में ऋषिकेश (Rishikesh) के भरत मंदिर इंटर कॉलेज (Shri Bharat Mandir Inter College) से 12वीं पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (HEMVATI NANDAN BAHUGUNA GARHWAL UNIVERSITY) से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की। छात्र जीवन में ही वो राम मंदिर आंदोलन (Ramjanmabhumi Movement) से जुड़ गए थे। 90 के दशक में राममंदिर आंदोलन के दौरान ही योगी आदित्यनाथ की मुलाकात गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) के महंत अवैद्यनाथ (Mahant Avaidyanath) से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के एक कार्यक्रम में हुई। इसके कुछ दिनों बाद योगी अपने माता-पिता को बिना बताए गोरखपुर जा पहुंचे और संन्यास धारण करने का निश्चय लेते हुए गुरु दीक्षा ले ली।

महंत अवैद्यनाथ ने बनाया अपना उत्तराधिकारी

महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड के रहने वाले थे, जिन्होंने अजय सिंह बिष्ट को योगी आदित्यनाथ बनाने का काम किया। गोरखनाथ मंदिर के महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाने के चार साल बाद ही महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया। गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहे। उसी सीट से योगी 1998 में 26 साल की उम्र में लोकसभा (Parliament Of India) पहुंचे और फिर लगातार 2017 तक पांच बार सांसद रहे। सियासत में कदम रखने के बाद योगी आदित्यनाथ की छवि एक हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर उभरी। सांसद रहते हुए गोरखपुर जिले को अपने नियमों के मुताबिक चलाने और फैसलों से सबको चकित किया। इसी के चलते योगी के सियासी दुर्ग को ना तो मुलायम सिंह (Mulayam Singh yadav) का समाजवाद भेद पाया और ना ही मायावती (Mayawati) की सोशल इंजीनियरिंग काम आई। गोरखपुर में योगी का हिंदुत्व कार्ड (Hindutva Card) ही हावी रहा।

जनता से सीधा संवाद में विश्वास रखते हैं सीएम योगी

योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी खासियतों में एक है कि वो जनता से सीधा संवाद करने में विश्वास रखते हैं। 2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तो सीएम के लिए कई चेहरे दावेदार थे, लेकिन बाज़ी योगी के हाथ लगी। योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने फैसलों से अपनी राजनीतिक इच्छा को जाहिर कर दिया। हालांकि प्रदेश में हुए एनकाउंटरों की वजह से विपक्ष ने उंगलियां भी उठाईं, लेकिन कानून-व्यवस्था पर सख्त योगी पर इसका खास असर नहीं हुआ। कोरोना संकट (Coronavirus In India) में सीएम योगी सीधे तौर पर सक्रिय नजर आए हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता में और भी इजाफा हुआ है।


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