दुनिया में सबसे सूंदर लड़की कौन है : A child moral able story in Hindi

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who is the most beautiful girl in the world a child story
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एक क्लास में एक लड़की थी उसका नाम पूनम था , वैसे तो पूनम पढ़ने लिखने में बहुत कमजोर थी।
पर देखने में वो बहुत ही सूंदर थी, जो भी उसे देखता वो उसकी सुंदरता की तारीफ करता।
इस बात से पूनम को अपने ऊपर बहुत घमंड हो गया था।
क्लास में उसकी काफी सहेलिया थी और वो अपनी सभी सहेलियों को चिढ़ाती थी।
जो लड़किया उस से काम सूंदर थी उनसे वो सीधे मुँह बात भी थी।
उस क्लास में एक सवाल रंग की लड़की थी जिसका नाम सुषमा था।
पूनम उसको देख के बहुत जलती थी और उसे काली बिल्ली कह के बुलाती थी। लेकिन सुषमा दिल की बहुत अछि लड़की थी।
वो कभी उसकी बात का बुरा नहीं मानती थी , जब भी वो खाना कहती या कभी खेलती तो वो पूनम से हमेशा पूछती थी।
लेकिन पूनम को तो बहुत घमंड था। वो मुँह फुला कर वह से निकल जाती या काली बिल्ली बोल के उसका मजाक उड़ाती।
समय निकलता गया और एग्जाम के दिन नजदीक आ गए।
एक दिन पूनम के पापा एक नया फुटबॉल लेके आये।
फूटबाल को देख के पूनम बहुत खुश थी। पूनम ने सोच क्यों न अपने दोस्तों के साथ आज सुबह सुबह खेला जाये। ऐसा सोच के पूनम सबसे पहले अपनी एक दोस्त सीमा के पास जाती है।
जैसे ही वो सीमा के घर पहुंची तो उसने देखा की सीमा तो घर की सफाई कर रही है।
उसने सीमा से पुछा सीमा देखो मेरे पापा नया फुटबॉल लाये है चलो हम खेल के मैदा में चल के साथ खेले.
ये सुन कर सीमा बोली नहीं पूनम , देखो तो मैं घर की सफाई क्र रही हो। इस समय मैं आपके साथ नहीं खेल सकती.
सुबह सुबह घर की सफाई करना ही सही बात है , हम काम ख़तम करके खेलेंगे. ये देख पूनम को गुस्सा आया और वो मुँह पहला के वह से चली गयी.
रस्ते में उसकी एक फ्रेंड दिव्या का घर आया , उसने सोच क्यों न दिव्या के साथ फूटबाल खेला जाये और वो ये सोच कर दिव्या के घर चली गयी.
वह जाकर उसने देखा की दिव्या पढाई कर रही है।
पूनम ने खा देखो दिव्या मेरे पापा नई फूटबाल; लाये है चलो हम फूटबाल खेले। ऐसा देख द्विया बोली नहीं पूनम परीक्षा नजदीक आ रही है हमे पढाई करनी चाइये नहीं तो फ़ैल हो गए गए एग्जाम में।
इतना सुन कर पूनम को गुस्सा आया क्योंकि उसका मान तो पढाई लिखे में लगता ही नहीं था तो पूनम वह से निकल के घर की तरफ जाने लगी। तभी रस्ते में उसकी एक पोर फ्रेंड नीता का घर आया तो उसने सोचा चलो नीता के साथ ही आज खेला जाये. वो ये सोच के नीता के घर गयी तो उसने देखा की नीता भी पढाई कर रही है।
ये देख पूनम बोली क्या नीता तुम भी पढाई करने में व्यस्त हो। चलो हम कुछ देर खेलते है मेरे पापा नया फुटबॉल लेके आये है।
इतना सुनकर नीता बोली देखो पूनम परीक्षा नजदीक है हम नहीं खेल पाएंगे , नहीं हम फ़ैल हो जायेगे। पूना मको लगा लगता है वो भी नहीं खेलना चाहती. और वो घर की तरफ निकल पड़ी। ऐसा करते करते उसकी जितनी भी सहेलिया थी वो सब के घर गयी लेकिन सभी पढ़ने में बहुत ही व्यस्त थी।
पूना ने सोच ये आज इन सबको पढाई करने का भूत कैसे सवार हो गया , इस से पहले तो ऐसा नहीं था.
अंत में वो सुषमा के घर गयी , सुषमा भी पढाई करने में व्यस्त थी , उसने सोच की आज तो ये काली बिल्ली भी पढ़ रही है इसको भी भला क्या हो गया , उसने सोच की आज इस से अचे से बात करती हो क्या पता ये मेरे साथ खेलने चली जाये।
ऐसा सोच वो सुषमा को बोली , सुषमा आओ फूटबाल खेलते है देखो मेरे पापा नया फूटबाल लाये है चलो जल्दी से।
सुषमा बोली पूनम परीक्षा नजदीक आ रही है मुझे पढाई करने दो और आप भी अपने घर जा कर पढाई करो नहीं तो परीक्षा में फ़ैल हो जाओ जाओ गई। परीक्षा के समय पढाई करनी चाइये , समय बर्बाद मत करो।
इतना सुन कर अब पूनम सातवे आश्मान पे था। वो सुषमा के घर से निकल के बहार जाकर बैठ गयी और सोचने लगी की अब वो किसके साथ खेले गी।
इतनी देर में सुषमा के माँ वह आयी और सुषमा से बोली बीटा अभी कोन आया था।
सुषमा बोली देखो न माँ , परीक्षा के दिन नजदीक है और पूनम फूटबाल खेलने के लिए बुला रही है। वो हमेशा अपने ऊपर घंड करती है , न ही वो पढाई करती है कितनी जिद्दी लड़की है न माँ , ये सब सुन लिया था , इतना सुन पूनम अब घर के लिए निकल पड़ी , रस्ते में केले का एक छिलका पड़ा था।
पूनम का पैर उस छिलके पे पड़ा और वो फिसल गयी , पूनम की आवाज़ सुन कर सुषमा अपनी पुस्तक बंद करके भाग के वह आयी। उसने बहुत प्यार से पूनम को उठाया और बोली पूनम आप ठीक तो हो न कहीं चोट तो नहीं आयी न। इतना विनम्र सुषमा को देख वो मन ही मन सूची की सुषमा कितनी अछि लड़की है।
इतना सोचते हुए उसे अपने टीचर की बात याद आयी जजों उस दिन वो पूनम को बोली थी की पूनम – सुंदरता तन के रंग से नहीं , इंसान के गुणों की होती है , इंसान के अच्छे गुण ही उनकी सुंदरता होती है।
अब शायद पूनम को सब समझ में आ गया था। वो वो सुषम को गले लगा के बोली की सुषमा आप बहुत अछि हो , आज से आप ही मेरी सबसे अछि दोस्त हो और मैं आपको कहिए काली बिल्ली खा के नहीं बोलूगी। मुझे माफ़ कर दो सुषमा.
इतना खा के सुषमा बोली चलो अब अचे दोस्त की बात मानो और घर जाकर पढाई करो। हम परीक्षा के बाद खूब खेलेंगे। ऐसा सुन के पूनम घर आयी और अचे से पढाई करने लगी।
ऐसा करते देख उसके माता पिता को अजीब लगा वो बोले पूनम ये अचानक तुम्हे आज क्या हो गया।
पूनम ने पूरी घटना अपने माता पिता को बता दी।
उसके माता पिता बोले – देखो पूनम अगर अचे दोस्तों की सांगत में रहोगे तो हमेशा ज़िन्दगी में आगे बढ़ोगे। ये सुन पूनम बोली आप सही कहते हो पापा।
तो दोस्तों इस कहानी से हमे दो शिक्षा मिलती है की –
* इंसान की सुंदरता और पहचान उसके गुणों से होती है। और दूसरी ये की हमेशा अपने आसपास अचे दोस्तों का चयन करो।

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