नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है। फिलहाल रूस ने यूक्रेन पर हमला तो नहीं किया लेकिन उसके दो प्रांतों (लुहांस्क-डोनेट्स्क) को अलग देश का दर्जा देने का ऐलान कर दिया है। जिससे हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने इन दोनों राज्यों में अमन कायम रखने के लिए फौज भी भेज दी है।
रूस के साथ यूद्ध की स्थिति को लेकर यूक्रेन ने प्रतिक्रिया दी है। रूस के भड़काऊ फैसले पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने कहा कि हम रूस के कदम से डरते नहीं हैं। हमने किसी से न तो कुछ लिया है और न ही किसी को कुछ देंगे। खतरों के बावजूद हमारी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं वैसे ही रहेंगीं, जैसे पहले थीं।
वहीं, रूस के इस कदम के बाद UN सिक्योरिटी काउंसिल ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। अमेरिका भी रूस से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका ने रूस की इस हरकत को इंटरनेशनल लॉ के खिलाफ चैलेंज बताया। अमेरिका ने कहा, अब जंग का खतरा पैदा हो गया है।
ब्रिटेन भी अमेरिका की तरह ही सख्त नजर आया। उसने कहा- पुतिन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम उसकी कंपनियों और व्यक्तियों पर पाबंदियां लगाएंगे। वहीं, पुतिन ने कहा है कि पश्चिमी देशों की हरकतों ने उन्हें यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटने पर मजबूर कर दिया था।
जर्मनी ने उठाया बड़ा कदम
यूक्रेन संकट को लेकर रूस के खिलाफ क़दम उठाते हुए जर्मनी ने नॉर्थ स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को शुरू करने की प्रक्रिया रोक दी है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शल्ट्स ने बर्लिन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूक्रेन में रूस ने जो क़दम उठाएं हैं, उसके जवाब में उनकी सरकार ये कार्रवाई कर रही है।
जर्मनी पर अमेरिका और अन्य यूरोपीय देश इस पाइपलाइन परियोजना पर रोक लगाने के लिए दबाव डाल रहे थे, लेकिन जर्मनी इससे सहमत नहीं था। लेकिन अब इस परियोजना की प्रक्रिया पर उसने रोक लगा दी है।