कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बवाल का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां जूनियर डॉक्टर की पिटाई के मामले ने बड़ा रूप ले लिया है। पहले बंगाल में ही डॉक्टरों ने काम काज ठप्प कर हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था, लेकिन अब इसका असर देश के अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। अब कोर्ट ने ममता सरकार को डॉक्टरों से बातचीत कर मामले को सुलझाने का आदेश दिया है। ममता सरकार बातचीत से मसले को करे हल: कोर्ट , बंगाल में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल को सुलझाने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को सख्त आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा है कि ममता सरकार हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करे और मामले को सुलझाए। इसके साथ ही कोर्ट ने ममता सरकार से पूछा है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। 150 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा | पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर की पिटाई के बाद अब डॉक्टरों ने इस्तीफे की झड़ी लगा दी है। अभी तक दार्जिलिंग में 27, उत्तर 24 परगना में 18 और NRS कॉलेज में 100 से अधिक डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं, तो वहीं कोलकाता में 80 से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफे की धमकी दी है।
इन राज्यों में दिखा असर , बता दें कि दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया है। इस मामले में आज दोपहर दिल्ली के राजघाट के पास DMA की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जाएगी। https://twitter.com/ANI/status/1139379204024197122
डॉक्टरों की इस हड़ताल से मरीजों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। AIIMS के बाहर मरीजों के परिजन परेशान घूम रहे हैं। हालांकि, ममता सरकार ने गुरुवार को डॉक्टरों को काम पर लौटने का चार घंटे का अल्टीमेटम दिया, लेकिन बावजूद इसके डॉक्टरों की हड़ताल जारी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिले डॉक्टर | AIIMS के डॉक्टर आज दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से मिलने पहुंच गए हैं। डॉक्टर अपनी तरफ से 3 मांगें उनके सामने रख सकते हैं।
कोर्ट तक पहुंचा मामला डॉक्टरों की हड़ताल का ये मामला अब कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसपर आज सुनवाई होनी है।
ममता सरकार की चेतावनी बताया जा रहा है कि ममता सरकार हड़ताल करने वाले जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी के हवाले से कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर वापस नहीं लौटे तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। साथ ही उनका इंटर्नशिप पूरा होने का लेटर भी रोक दिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला, बता दें कि सोमवार को इलाज के दौरान नील रतन सिरकार मेडिकल कॉलेज ( एनआरएसएमसी) में इलाज के वक्त एक 75 साल के मरीज ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मरीज के परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टर्स की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया।
डॉक्टर्स की पिटाई के बाद डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए काम-काज बंद कर दिया और हड़ताल पर बैठ गए। अब जबकि ममता सरकार ने चार घंटों का अल्टीमेटम देते हुए डॉक्टर्स को स्वास्थ्य सेवा बहाल करने के कड़े निर्देश दिए हैं, लेकिन डॉक्टर अब भी विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। इस हड़ताल को अन्य शहरों के डॉक्टरों का भी समर्थन मिल रहा है।
सौजन्य से दैनिक खबर
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