नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लापरवाही और कर्तव्यहीनता की हद ही हो गई। जिन अफसरों पर योगी आदित्यनाथ सरकार को नाज है वे नदारद हैं और किसी को कानों कान खबर नहीं होती। अधिकारी आस-पास भी नहीं, अपने ससुराल माय़के भी नहीं सीधे विदेश चले गए और महीनों बीत गए। लेकिन महकमे को पता भी नहीं चलता।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईपीएस अलंकृता सिंह की। जिन पर अब योगी सरकार की गाज गिरी है और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में एसपी के पद पर तैनात अलंकृता सिंह पर आरोप लगा है कि वे बिना आधिकारिक छुट्टी लिए विदेश यात्रा पर चली गईं। जब खोजबीन शुरू हुई तो उन्होंने इस संबंध में जानकारी दी। 6-7 महीनों से अलंकृता सिंह लंदन में हैं। ये ठीक है कि सरकार ने कार्रवाई की लेकिन बड़ा सवाल है कि 6 महीने से गायब अलंकृता सिंह पूरी तनख्वाह ले रही थी।
खुद दी जानकारी
सरकार को IPS अलंकृता सिंह ने खुद विदेश जाने की बात स्वीकार की थी। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में जब उनकी खोजबीन की गई तो यह मामला उजागर हुआ था। बाद में 19 अक्टूबर 2021 की रात महिला आईपीएस ने व्हाट्सऐप कॉल के जरिए अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत को जानकारी दी कि वे अभी लंदन में हैं।
बिना अनुमति के गायब लेकिन पूरा वेतन पाया
अलंकृता सिंह 6 महीनों से लंदन में हैं लेकिन भारत में उनके पद पर कोई आंच नहीं आई थी। उनको पूरे वेतन के साथ सारी सुख सुविधाएं मिलती रहीं। कार्यालय में भी उनकी कुर्सी चमचमाती रही। अब जाकर मामले को अनुशासनहीनता के दायरे में लिया गया है।
इस मामले में अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने उनको निलंबित करते हुए डीजीपी मुख्यालय से टैग किए जाने का आदेश जारी कर दिया है। अलंकृता सिंह 2008 बैच की आईपीएस पदाधिकारी हैं। अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस मामले में कहा है कि पुलिस सेवा नियमावली के तहत किसी भी अधिकारी को विदेश जाने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है। आईपीएस अलंकृता ने न तो अवकाश लिया और न ही विदेश जाने की अनुमति ही ली। इस कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए थे।
उन्हें आरोप पत्र भी भेजा गया था। अब सवाल ये है कि कोई नहीं जानता था कि इतने महीनों से अलंकृता सिंह ड्यूटी से कब से ग़ायब हैं। नवंबर में यूपी में चुनाव प्रक्रिया नवंबर 2021 में ही शुरू हो गई थी लिहाजा सभी अधिकारियों के कार्यों का बंटवारा होना था लिस्ट बननी थी लेकिन चुनाव आयोग ने अलंकृता की सुध ली या नहीं किसी को नहीं पता।
अगर ली भी थी तो चुनावों में और चुनावों के बाद क्यों नदारद रहीं अलंकृता सिंह। यहां कई सवाल हैं महीनों तक एक आईपीएस वेतन लेती रही, लेकिन न महकमे को पता था न कर्मचारियों को न आलाधिकारियों को और न ही सरकार को।
खुद बताया तो सरकार को पता चला कि वह न केवल डिपार्टमेंट से गायब हैं बल्कि देश भी छोड़ चुकी हैं और लंदन की चौड़ी सड़कें, नदी के बीच सुंदर नजारे और शॉपिंग का लुत्फ उठा रही हैं। लखनऊ में बैठी योगी आदित्यनाथ सरकार को गाजियाबाद में अवैध निर्माण और अपराधियों के घर को ध्वस्त करवाने की पक्की खबर रहती है लेकिन अपराध को काबू में करने वाले नौकरशाह नदारद रहें, इससे कोई वास्ता नहीं था।