श्रीलंका: भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका आज वित्तीय और राजनैतिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका दो करोड़ 20 लाख की आबादी वाला देश है। साल 1948 में मेली स्वतंत्रता के बाद इस वक्त सबसे खराब आर्थिक स्थिती से गुजर रहे इस देश में महंगाई तो जैसे आसमान छू रही है।
श्रीलंका में एक दिन का पेट्रोल, बड़ा ऊर्जा संकट
जहां एक तरफ श्रीलंका में खाध पदार्थोॆ की कीमते आसमान छू रहीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ श्रीलंका पर ऊर्जा संकट मंडरा रहा है।श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि ‘‘फिलहाल हमारे पास बस एक दिन के लिए पेट्रोल का भंडार ही बचा है। ऐसे में खबर मिली है कि भारतीय ऋण सुविधा यानि Loan facility के माध्यम से श्रीलंका को बड़ी मदद मिल सकती है।
भारत कैसे करेगा श्रीलंका की मदद?
देश के 26वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले विक्रमसिंघे ने संबोधन में कहा था, भारतीय ऋण सुविधा से डीजल के दो और खेप 18 मई और एक जून को पहुंचने वाले हैं। इसके अलावा, पेट्रोल के दो खेप भी18 एवं 29 मई तक श्रीलंका में पहुंच जाएंगे। श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था को अब भारत सहारा दे रहा है। श्रीलंका के बद से बदतर होते हालात देखकर भारत एक दोस्त बनकर मदद कर रहा है। बता दें कि राजनैतिक और आर्थिक संकट के साथ अब इस देश पर ऊर्जा संकट भी आ गया है ।
आजादी के बाद आर्थिक संकट में श्रीलंंका
1948 में मिली आजादी के बाद श्रीलंका ऐसे आर्थिक संकट में चला गया है जिससे बाहर निकलना इतना आसान नहीं है। यहां विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के साथ-साथ ईंधन, रसोई गैस, बिजली तथा खाने-पीने के बढ़ते दामों ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। आपको ये भी बता दें कि नयी सरकार राष्ट्रपति के अधिकारों में कटौती के लिए अहम संवैधानिक सुधार पेश करेगी।