नई दिल्ली: दिल्ली से सटे नोएडा में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सेक्टर 39 में एक बुजुर्ग ने नाबालिग के साथ डिजिटल रेप की वारदात को अंजाम दिया है। बुजुर्ग का नाम मौरिस राइडर है आरोपी बुजुर्ग 81 साल का है और पेशे से चित्रकार है। शख्स मूलरूप से प्रयागराज का रहने वाला है। मौरिस पिछले 22 साल से नोएडा में रह रहा है। शख्स खुद को लड़की का संरक्षक बताता था। आरोपी नाबालिग को अश्लील वीडीयो दिखाकर रेप और छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दे रहा था।है
10 साल की उम्र में नाबालिग को लाया था अपने घर
पीड़िता ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया कि वह शिमला की रहने वाली है और उसके पिता मौरिस के शिमला स्थित वर्कशॉप में काम किया करते थे। । जब वह 10 साल की थी तब मौरिस उसके पिता से यह कहकर उसे अपने घर लाया था कि वह उसे पढ़ाएगा, लेकिन यहां लाकर वह उसका यौन शोषण करने लगा। जब पीड़िता उसका विरोध करती थी तो वह उसके साथ मारपीट करता था
क्या होता है डिजिटल रेप?
अगर कोई शख्स बिना महिला के सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट को अपनी उंगलिय़ों और अंगूठे से छूता है, तो इसे “डिजिटल रेप” कहा जाता है। विदेश में अधिकतर “डिजिटल रेप” शब्द का इस्तमाल होता आ रहा है । दरअसल , अंग्रेजी शब्दकोश में उंगली, अंगूठा, पैर की अंगुली को डिजिट से संबधित किया जाता है।
भारत में डिजिटल रेप पर क्या है सजा?
पिछले दिनों दिल्ली की अदालत ने अमेरिकी नागरिक से जुड़े डिजिटल रेप के मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया था। कोर्ट ने आरोपी शख्स को IPC की संशोधित धारा 375 के तहत दोषी करार दिया था। इसके तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को IPC की धारा 376 के तहत सजा देने का प्रावधान है। भारत में डिजिटल रेप 3 फरवरी 2013 को प्रावधान में आया था। इसमें आरोपी को कम से कम 7 वर्ष की सजा हो सकती है ।