नई दिल्ली: उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 34 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। यात्रा को शुरू हुए अभी 13 ही दिन हुए हैं। ऐसे में प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि मौतों की वजह स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां बताई जा रही हैं। राज्य के स्थास्थ्य विभाग के मुताबिक, सभी मौतों की वजह हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याएं और माउंटेन सिकनेस (ऊंचाई से संबंधित समस्या) हैं। 3 मई को अक्षय तृतीया के पर्व से चारधाम यात्रा की शुरूआत हुई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थयात्रियों की मौत मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किए हैं। मंदिरों में उमड़ रही भारी भीड़ के मद्देनजर प्रत्येक धाम में दर्शन के लिए निर्धारित दैनिक श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की गई है। वहीं, वीआईपी एंट्री भी बंद कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश
स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिशानिर्देशों में कहा गया है कि 2700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित सभी चारों धाम- बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में तीर्थयात्री अत्यधिक ठंड, कम आर्द्रता, अत्यधिक पराबैंगनी विकिरण, कम हवा का दबाव और ऑक्सीजन की कम मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए वे मेडिकल जांच के बाद ही यात्रा शुरू करें। पहले से बीमार लोगों को अपने डॉक्टर की रिपोर्ट, अपनी दवाएं और डॉक्टर का फोन नम्बर अपने साथ रखने को कहा गया है।
हृदय रोग, श्वांस रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खांसी होना या अन्य लक्षण होने पर तत्काल सबसे करीब के स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचने और हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करने को कहा गया है।
1 thought on “चारधाम यात्रा में अब तक 34 श्रद्धालुओं की मौत, जान लें स्वास्थ्य विभाग के ये निर्देश”