नई दिल्ली : Mukesh Ambani : अमेजॉन और रिलायंस दोनों ही नामी कंपनीया हैं। बीते दिनों से दोनों के बीच में काफी मन मुटाव चल रहा है। रिलायंस रिटेल के मालिक मुकेश अम्बानी और अमेज़न के मालिक जेफरी प्रेस्टन बेजोस के बीच का बढ़ताविवाद सुप्रीम कोट में जा पहुचा था ,जिस पर आज सुप्रीम कोट ने अमेज़न के पक्ष में फैसला दिया है।

फैसले में मुकेश अम्बानी की रिलायंस रिटेल और फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियनी के बीच हुआ सौदे 24,713 करोड़ रुपये का बड़ा झटका लगा है इस विवाद पर अमेजॉन ने अलग अलग अदालतों में चुनौती दी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अम्बानी और किशोर बियानी एफआरएल विलय सौदे पर रोके लगने के साथ साथ सिंगापूर के इमरजेंसी ज़ज के फैसले भारतीय विधि के तहत दिया गया है।
मर्जेन्सी मेडिएशन और कॉंसिलिएशन एक्ट के तहत आने वाला आदेश
बता दे,सुप्रीम कोर्ट का फैसला रिलायंस द्वारा फ्यूचर ग्रुप, होल सेल,लॉजिस्टिक और वैरहाउसिंग वर्क का टेकओवर करने का फैसला एक साल बाद आया है।
जस्टिस आर एफ नरीमन ने बिखरे हये कारोबार के सवाल पर गौर कर फैसला दिया है की विदेश कम्पनियों के इमरजेंसी जज का फैसला भारतीय एमर्जेन्सी मेडिएशन और कॉंसिलिएशन एक्ट के तहत आने वाला आदेश है और उससे एक्ट के तहत लागू करने निपुण है बाबजूद इसके कि ईए ( ईएइलेक्ट्रॉनिक आर्ट) शब्द का प्रयोग यह मेडिएशन शाशन में नहीं किया गया है।
आर एफ नरीमन ने यहाँ भी कहा है की ईए का आदेश एक्ट 17 (1) के तहत आने वाला फैसला है और इसे मेडिएशन और कॉंसिलिएशन एक्ट 17 (2) के तहत लागू करने निपुण है। अमेजन डॉट कॉम एनवी इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल के बीच इस डील पर विवाद चल रहा था साथ ही अमेरिका स्थित कंपनीयो ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था की ईए का फैसला लागू करने योग्य है।
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